शिव चालीसा। Shiv Chalisa full lyrics in Hindi and English

दोस्तों आप सभी का हमारे blog पर स्वागत है। भगवान शिव के बारे में तो हम सब जानते ही है। भारत में भगवान शिव बहुत से लोगो के आराध्य होते है। इसलिए ऐसे बहुत से भक्त है जिनके पास भगवान शिव की पूजा करने के लिए शिव चालीसा नहीं होता है। इसलिए आपकी समस्या को दूर करने के लिए हम आपको भगवान शिव के चालीसा को उपलब्ध कराएंगे। दोस्तों हम article न सिर्फ आपको shiv chalisa lyrics उपलब्ध कराएंगे बल्कि हम आपको इसका पाठ करने के फायदे के बारे में बताएंगे। इसलिए दोस्तों मैं आपसे निवेदन करता हु की आप हमारे पोस्ट को पूरा पढ़े ताकि आप सभी बातों को अच्छे से समझ सके।

संपूर्ण शिव चालीसा 


 

"<yoastmark

॥दोहा॥


जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।


 कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥


जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥


अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥


मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥


नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥


देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥


तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥


त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥


दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥


प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥


पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥


एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥


जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥


त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥


मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥


धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥


शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥


नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥


ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥


पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥


धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥


॥दोहा॥ 


नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।


तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥


मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।


अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥



 Shiv Chalisa Lyrics in English 


 

Doha


Jai Ganesh Girija Suvan,
Mangal Mul Sujan
Kahat Ayodhya Das,
Tum Dey Abhaya Varadan


chaupaee


Jai Girija Pati Dinadayala
Sada Karat Santan Pratipala
Bhala Chandrama Sohat Nike
Kanan Kundal Nagaphani Ke


Anga Gaur Shira Ganga Bahaye
Mundamala Tan Chhara Lagaye
Vastra Khala Baghambar Sohain
Chhavi Ko Dekha Naga Muni Mohain


Maina Matu Ki Havai Dulari
Vama Anga Sohat Chhavi Nyari
Kara Trishul Sohat Chhavi Bhari
Karat Sada Shatrun Chhayakari


Nandi Ganesh Sohain Tahan Kaise
Sagar Madhya Kamal Hain Jaise
Kartik Shyam Aur Gana rauo
Ya Chhavi Ko Kahi Jata Na Kauo


Devan Jabahi Jaya Pukara
Tabahi Dukha Prabhu Apa Nivara
Kiya Upadrav Tarak Bhari
Devan Sab Mili Tumahi Juhari


Turata Shadanana Apa Pathayau
Luv nimesh Mahi Mari Girayau
Apa Jalandhara Asura Sanhara
Suyash Tumhara Vidit Sansara


Tripurasur Sana Yudha Machai
Sabhi Kripakar Lina Bachai
Kiya Tapahin Bhagiratha Bhari
Purahi Pratigya Tasu Purari


Darpa chod Ganga thabb Aayee
Sevak Astuti Karat Sadahin
Veda Nam Mahima Tav Gai
Akatha Anandi Bhed Nahin Pai


Pragati Udadhi Mantan te Jvala
Jarae Sura-Sur Bhaye bihala
Mahadev thab Kari Sahayee,
Nilakantha Tab Nam Kahai


Pujan Ramchandra Jab Kinha
Jiti Ke Lanka Vibhishan Dinhi
Sahas Kamal Men Ho Rahe Dhari
Kinha Pariksha Tabahin Purari


Ek Kamal Prabhu Rakheu goyee
Kushal-Nain Pujan Chahain Soi
Kathin Bhakti Dekhi Prabhu Shankar
Bhaye Prasanna Diye-Ichchhit Var


Jai Jai Jai Anant Avinashi
Karat Kripa Sabake Ghat Vasi
Dushta Sakal Nit Mohin Satavai
Bhramat Rahe Man Chain Na Avai


Trahi-Trahi Main Nath Pukaro
Yahi Avasar Mohi Ana Ubaro
Lai Trishul Shatrun Ko Maro
Sankat Se Mohin Ana Ubaro


Mata Pita Bhrata Sab Hoi
Sankat Men Puchhat Nahin Koi
Swami Ek Hai Asha Tumhari
Ai Harahu Ab Sankat Bhari


Dhan Nirdhan Ko Deta Sadahin
Arat jan ko peer mitaee,
Astuti Kehi Vidhi Karai Tumhari
Shambhunath ab tek tumhari


Dhana Nirdhana Ko Deta Sadaa Hii
Jo Koi Jaanche So Phala Paahiin
Astuti Kehi Vidhi Karon Tumhaarii
Kshamahu Naatha Aba Chuuka Hamaarii


Shankar Ho Sankat Ke Nashan
Vighna Vinashan Mangal Karan
Yogi Yati Muni Dhyan Lagavan
Sharad Narad Shisha Navavain


Namo Namo Jai Namah Shivaya
Sura Brahmadik Par Na Paya
Jo Yah Patha Karai Man Lai
To kon Hota Hai Shambhu Sahai


Riniyan Jo Koi Ho Adhikari
Patha Karai So Pavan Hari
Putra-hin Ichchha Kar Koi
Nischaya Shiva Prasad Tehin Hoi


Pandit Trayodashi Ko Lavai
Dhyan-Purvak Homa Karavai
Trayodashi Vrat Kare Hamesha
Tan Nahin Take Rahe Kalesha


Dhuupa Diipa Naivedya Chadhaave
Shankara Sammukha Paatha Sunaave
Janma Janma Ke Paapa Nasaave
Anta Dhaama Shivapura Men Paave


Doha


Nitya Nema kari Pratahi
Patha karau Chalis
Tum Meri Man Kamana
Purna Karahu Jagadisha



प्रतदिन शिव चालीसा के पाठ करने के लाभ 


दोस्तों मैं यह बात अच्छे से जानता हु की आप सभी सोच रहे होगे की शिव चालीसा का पाठ करने से हमे क्या लाभ होता है। मैं आपको यह बताना चाहता हु की अगर आपको भगवान शिव को खुश करना है तो आपको भगवान शिव की आरती के साथ साथ चालीसा का भी पाठ करना बहुत आवश्यक है। इससे भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। और भगवान शिव हर संकट के घडी से हमे बचाते है।

इसलिए प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह पुरुष हो या महिला उसे रोज शिव चालीसा का पाठ करना  अति आवश्यक है। भगवान शिव को भोले नाथ भी कहा जाता है। भगवान शिव की महिमा अपरम्पार है। एक बार वह जिसपर प्रसन हो जाते है फिर उसकी हर इच्छा पूरी कर देते है।

मुझे उम्मीद है की आप सभी हमारा यह article जो की शिव चालीसा के ऊपर था पसंद आया होगा। अगर आपको हमारी यह कोशिश पसंद आयी है तो आप इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अवश्य शेयर कीजिये।

अगर आपको ऐसे ही देवी देवताओं के बारे में जानना और पढ़ना अच्छा लगता है तो हमारे इस छोटे से blog को subscribe भी कर सकते है जिससे हमरी साडी नयी post की information आपको मिलती रहे।

हमारा यह  post पढ़ने के लिए आप सभी का शुक्रिया। अगर आप हमे कुछ देना चाहते है तो आप हमे comment करके बता सकते है। आपका दी शुभ हो। 

इस blogpost में इस्तेमाल की गयी images canva के द्वारा बनायीं गयी है। 

इन्हे भी अवस्य पढ़े -

माँ दुर्गा की आरती 

हनुमान चालीसा 

हनुमान अष्टक 

वजन कैसे बढ़ाये 
Previous
Next Post »

11 σχόλια

Click here for σχόλια
24 May 2020 at 08:24 ×

[…] इसे भी पढ़ें : हमे क्यों शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए… […]

Reply
avatar
3 June 2020 at 08:33 ×

[…] भगवान शिव को खुश करने के लिए आरती एवं चालीसा का पाठ करते है लेकिन shiv stuti का नहीं कर […]

Reply
avatar
7 November 2020 at 02:27 ×

https://waterfallmagazine.com
First of all I want to say superb blog! I had a quick question that I'd like
to ask if you don't mind. I was interested to know how you center yourself
and clear your head before writing. I have had trouble clearing my mind in getting my thoughts out
there. I do enjoy writing but it just seems like the first 10 to 15 minutes are usually
lost just trying to figure out how to begin. Any recommendations or tips?
Many thanks!

Reply
avatar
20 January 2021 at 21:44 ×

Your common sense should be taken as the rule when it comes to this topic.

Reply
avatar