Navgrah Chalisa | नवग्रह चालीसा के नित्य पाठ से होने वाले लाभ।

दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से हमारे इस blog पर स्वागत है। आज हम Navgrah Chalisa के बारे में आप सभी को बताएंगे। यह article बहुत ही खास होने वाला है। 

दोस्तों अगर आप चाहते है की नवग्रहों की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे तो आपको इस नवग्रह चालीसा का पाठ करना आरम्भ कर देना चाहिए। इससे आपके साथ होने वाली अनहोनी भी टल जाती है। दोस्तों लेकिन मैं जानता हूँ की आप सभी को नवग्रह चालीसा के बारे में नहीं पता है इसलिए आप इस blog पर आये है। 

दोस्तों आप बिलकुल सही जगह पर आये है। आज के इस article की सहायता से मैं आपको Navgrah Chalisa Lyrics के साथ ही इसके पाठ से होने वाले लाभों के बारे में भी आप सभी को बताएंगे ताकि आप इसका नित्य पाठ करने के लिए प्रेरित हो सके। 

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Also Read : सूर्य स्तुति , सूर्य चालीसा 

Navgrah Chalisa Lyrics 


चौपाई
श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय।।
जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह करहुं अनुग्रह आज।।


।। श्री सूर्य स्तुति ।।
प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा, करहुं कृपा जनि जानि अनाथा।
हे आदित्य दिवाकर भानू, मैं मति मन्द महा अज्ञानू।
अब निज जन कहं हरहु कलेषा, दिनकर द्वादश रूप दिनेशा।
नमो भास्कर सूर्य प्रभाकर, अर्क मित्र अघ मोघ क्षमाकर।


।। श्री चन्द्र स्तुति ।।
शशि मयंक रजनीपति स्वामी, चन्द्र कलानिधि नमो नमामि।
राकापति हिमांशु राकेशा, प्रणवत जन तन हरहुं कलेशा।
सोम इन्दु विधु शान्ति सुधाकर, शीत रश्मि औषधि निशाकर।
तुम्हीं शोभित सुन्दर भाल महेशा, शरण शरण जन हरहुं कलेशा।


।। श्री मंगल स्तुति ।।
जय जय जय मंगल सुखदाता, लोहित भौमादिक विख्याता।
अंगारक कुज रुज ऋणहारी, करहुं दया यही विनय हमारी।
हे महिसुत छितिसुत सुखराशी, लोहितांग जय जन अघनाशी।
अगम अमंगल अब हर लीजै, सकल मनोरथ पूरण कीजै।


।। श्री बुध स्तुति ।।
जय शशि नन्दन बुध महाराजा, करहु सकल जन कहं शुभ काजा।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना, कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन, चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी, प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी।


।। श्री बृहस्पति स्तुति ।।
जयति जयति जय श्री गुरुदेवा, करूं सदा तुम्हरी प्रभु सेवा।
देवाचार्य तुम देव गुरु ज्ञानी, इन्द्र पुरोहित विद्यादानी।
वाचस्पति बागीश उदारा, जीव बृहस्पति नाम तुम्हारा।
विद्या सिन्धु अंगिरा नामा, करहुं सकल विधि पूरण कामा।


।। श्री शुक्र स्तुति।।
शुक्र देव पद तल जल जाता, दास निरन्तन ध्यान लगाता।
हे उशना भार्गव भृगु नन्दन, दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन।
भृगुकुल भूषण दूषण हारी, हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी।
तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा, नर शरीर के तुमही राजा।


।। श्री शनि स्तुति ।।
जय श्री शनिदेव रवि नन्दन, जय कृष्णो सौरी जगवन्दन।
पिंगल मन्द रौद्र यम नामा, वप्र आदि कोणस्थ ललामा।
वक्र दृष्टि पिप्पल तन साजा, क्षण महं करत रंक क्षण राजा।
ललत स्वर्ण पद करत निहाला, हरहुं विपत्ति छाया के लाला।


।। श्री राहु स्तुति ।।
जय जय राहु गगन प्रविसइया, तुमही चन्द्र आदित्य ग्रसइया।
रवि शशि अरि स्वर्भानु धारा, शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा।
सैहिंकेय तुम निशाचर राजा, अर्धकाय जग राखहु लाजा।
यदि ग्रह समय पाय हिं आवहु, सदा शान्ति और सुख उपजावहु।


।। श्री केतु स्तुति ।।
जय श्री केतु कठिन दुखहारी, करहु सुजन हित मंगलकारी।
ध्वजयुत रुण्ड रूप विकराला, घोर रौद्रतन अघमन काला।
शिखी तारिका ग्रह बलवान, महा प्रताप न तेज ठिकाना।
वाहन मीन महा शुभकारी, दीजै शान्ति दया उर धारी।


।। नवग्रह शांति फल ।।
तीरथराज प्रयाग सुपासा, बसै राम के सुन्दर दासा।
ककरा ग्रामहिं पुरे-तिवारी, दुर्वासाश्रम जन दुख हारी।
नवग्रह शान्ति लिख्यो सुख हेतु, जन तन कष्ट उतारण सेतू।
जो नित पाठ करै चित लावै, सब सुख भोगि परम पद पावै।।


।। दोहा ।।
धन्य नवग्रह देव प्रभु, महिमा अगम अपार।
चित नव मंगल मोद गृह जगत जनन सुखद्वार।।
यह चालीसा नवोग्रह, विरचित सुन्दरदास।
पढ़त प्रेम सुत बढ़त सुख, सर्वानन्द हुलास।।



नवग्रह चालीसा के नित्य पाठ से होने वाले लाभ 



  • दोस्तों इस navgrah chalisa का पाठ नवग्रहों को प्रसन करने के लिए किया जाता है। 

  • दोस्तों इसके नित्य पाठ से भविष्य में होने वाली अनहोनी टल जाती है। 

  • इसके पाठ आपका हर कार्य बिना किसी रूकावट के पूरा हो जाता है। 

  • नवग्रहों की कृपा आप पर सदा बनी रहती एवं नवग्रह हमेशा आपकी रक्षा करते है। 

  • आप कठिन परिस्थिति का सामना कर सकते है। 


आपका कार्य सफलतापूर्वक हो जाता है 


दोस्तों आज कल के ज़माने बहुत से लोग ऐसे है जो वे चाहते है वो उनको नहीं मिल पाता है। अगर आप भी उन्ही लोगों मे से एक है तो आपको भी इस चालीसा का पाठ करना आरम्भ कर देना चाहिए। दोस्तों अगर आपके साथ कुछ भी आपके मन मुताबिक नहीं हो  रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है की आपके गृह आपसे प्रसन नहीं है। इसके नित्य पाठ से गृह प्रसन होते है एवं आपका हर काम जो की आपने किसी अच्छे उद्देश्य के लिए शुरू किया हो वह पूर्ण हो जाता है। 

Stress कम होता है 


क्या आप भी हमेशा चिंताओं से घिरे रहते है ? क्या आपका भी मन कभी शांत नहीं रहता है ? क्या आपका मन हमेशा व्याकुल रहता है ? आगरा इनमे से एक भी प्रश्न का उत्तर हाँ है तो आपको इस चालीसा का पाठ करना शुरू कर देना चाहिए। दोस्तों ज्यादा stress नहीं होना चाहिए। यह एक बीमारी तो नहीं परन्तु अन्य बिमारियों को जन्म दे सकती है।

दोस्तों आपको जिंदगी को खुल के जीना चाहिए। अपने और अपने माँ बाप के सपनों को पूरा करने के लिए आपको अपना पूरा जोर लगा देना चाहिए। आपको कोशिश करना चाहिए की आप हमेशा खुश रहे क्युकी आपके चेहरे पर ख़ुशी देखकर ही आपके माँ बाप को चैन मिलता है। 

दोस्तों मुझे आशा है की आप सभी को हमारा यह article बहुत पसंद आया होगा जो की Navgrah Chalisa Lyrics के ऊपर लिखा गया है। दोस्तों मैं आप सभी से यही कहूंगा की अगर आपको हमारी यह मेहनत पसंद आयी हो और अगर आप इसे सराहना चाहते है तो आप इसे अवस्य share करे। 

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1 σχόλια:

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13 May 2020 at 07:53 ×

[…] नवग्रह चालीसा  […]

Congrats bro Guru Brahma guru Vishnu श्लोक का अर्थ, लिरिक्स एवं महत्व। you got PERTAMAX...! hehehehe...
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