Yada Yada hi Dharmasya | यदा यदा ही धर्मस्य मंत्र का अर्थ एवं महत्व।

दोस्तों आप सभी का हमारे इस blog पर स्वागत है। दोस्तों आज का यह article बहुत ही खास होने वाला है। आज हम  आप सभी को Yada Yada hi Dharmasya mantra के बारे में बताने वाले है। आपसे निवेदन है की आप इस article को पूरा अवस्य पढ़ें।

Yada Yada hi Dharmasya mantra Lyrics 


यदा यदा ही धर्मस्य

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥


 

यदा यदा ही धर्मस्य मंत्र का अर्थ


"जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म का पालन नहीं होता एवं अधर्म बढ़ता है तब तब मैं इस पृथ्वी की रक्षा के लिए जन्म लूंगा। भगवान ने बताया है की सज्जनो एवं साधुओं की रक्षा के लिए और पापियों का अंत करने के लिए मैं हर युग में जन्म लेता हूँ। "

Yada Yada hi Dharmasya meaning in English


Whenever religion is not practiced on this earth and lawlessness grows, then I will be born to protect this earth. God has said that I am born in every age to protect gentlemen and sages and to end sinners. "

 

दोस्तों यह मंत्र बहुत प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र को भगवद गीता में लिखा गया है। इस मंत्र को भगवान कृष्ण में कुरुछेत्र की रणभूमि में अर्जुन को बताया था। सदियों से इस मंत्र का पाठ किया जा रहा है। इस मंत्र का हिन्दू समाज में बहुत अधिक महत्व है।

इस मंत्र का इतना महत्व होते हुए भी आज भी हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग है जो इस मंत्र का महत्व एवं अर्थ को नहीं समझते। दोस्तों आज के इस article की सहायता से मैं आपको  Yada Yada hi Dharmasya mantra के साथ साथ इसके अर्थ एवं इसके महत्व के बारे में बताएंगे जिससे आपको काफी ख़ुशी मिलेगी।

दोस्तों मैं आप सभी से इतना निवेदन करूँगा की आप हमारे इस post को पूरा पढ़ें और अगर आपको अच्छा लगे तो आप इस article को अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों के साथ अवस्य share करे।

 

यदा यदा ही धर्मस्य महत्व 


इस मंत्र का बहुत अधिक महत्व है और यह एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। दोस्तों यह बात एकदम सत्य की जब जब हमारी पृथ्वी का अधर्म बढ़ने लगता है तब भगवान अवसय कसी न किसी रूप में जन्म लेकर पृथ्वीवासियों की रक्षा करते है। जब रावण का भय पूरी पृथ्वी पर हो गया था तब रावण का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री रामजी का अवतार लिया था।

दोस्तों आपको कंस की कहानी तो याद की कैसे कंस से पृथ्वीवासियों की रक्षा करने स्वयं भगवान कृष्ण जी का रूप लेकर आये थे। यह बात को एकदम सही है की कसी भी युग में अगर पाप बढ़ेगा तो भगवान को स्वयं अवतरित होंगे दुनिया की रक्षा करने के लिए।

दोस्तों मेरे हिसाब से यह मंत्र हमे बहुत कुछ सिखाता है और हमे इस मंत्र की गरिमा हमेशा बनाये रखनी चाहिए। इस मंत्र से हमे अपनी जिंदगी को कैसे बिताना है यह पता चलता है। यह एक बहुत ही पवित्र और प्रभावशाली मंत्र है तथा हम सभी को इस मंत्र का सहृदय पाठ अवस्य करना चाहिए।  

इस मंत्र का प्रभाव बहुत अधिक माना जाता है। महाभारत में जब अर्जुन ने अपने ही पितामह, गुरु द्रोण पर शस्त्र चलाने में संकोच तब भगवान कृष्ण ने उनको गीता का उपदेश दिया था। उस उपदेश के दौरान ही भगवान कृष्ण ने अर्जुन से यह श्लोक कहा था। भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दर्शन भी दिया था। उस समय अर्जुन समझ गए की यह धर्म युद्ध हैं। इस युद्ध में विजय पाकर ही वे धर्म की स्थापना कर सकेंगे। 

दोस्तों इस प्रभावशाली मंत्र के बारे में हम सभी को पता होना अति आवश्यक है। आज कल के युवा इन सब चीज़ों से बहुत अलग रहते है परन्तु उन्हें इन सब बातों का ज्ञान होगा बहुत जरुरी है। प्रत्येक माँ बाप का यह कर्त्तव्य है की वह अपने संतान को इस मंत्र के बारे में बताये एवं उनसे कहे की वे अपनी संतान को इस प्रभावशाली श्लोक के बारे में अवस्य बताये।

दोस्तों मुझे आशा है की आप सभी को हमारा यह article बहुत पसंद आया होगा जो की Yada Yada hi Dharmasya के ऊपर लिखा गया है। दोस्तों मैं आप सभी से यही कहूंगा की अगर आपको हमारी यह मेहनत पसंद आयी हो और अगर आप इसे सराहना चाहते है तो आप इसे अवस्य share करे। 

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5 σχόλια

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9 May 2020 at 02:14 ×

[…] यदा यदा ही धर्मस्य मंत्र  […]

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18 May 2020 at 01:39 ×

[…] इसे भी पढ़ें :- यदा यदा ही धर्मस्य मंत्र […]

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9 June 2020 at 08:09 ×

[…] इसे पढ़ें : यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक  […]

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