Parvati Chalisa | श्री पार्वती चालीसा का पाठ एवं इसके लाभ

 दोस्तों आप सभी का हमारे blog पर स्वागत है। दोस्तों आज का यह article बहुत ही खास होने वाला है क्युकी आज के इस article में हम आपको Parvati Chalisa के बारे में बताएंगे। दोस्तों माँ पारवती शिव जी की अर्धांग्नी है। दोस्तों माँ पार्वती को प्रसन करने के लिए Parvati Chalisa का पाठ करना बेहद जरुरी है। दोस्तों आप सभी की समस्याओं को दूर करने के लिए ही हम आज का यह article आप सभी के लिए लाये है।

दोस्तों आज के इस article की सहायता से हम आपको Parvati Chalisa के lyrics के साथ साथ इससे होने वाले फायदों के बारे में भी बताएंगे। दोस्तों मैं आप सभी से यही निवेदन करना चाहूंगा जी आप इस article को पूरा पढ़े और अगर आपको हमारा यह article अच्छा लगे तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी अवस्य share करे।

श्री पार्वती चालीसा  


ब्रह्मा भेद न तुम्हरे पावे,
पांच बदन नित तुमको ध्यावे
शशतमुखकाही न सकतयाष तेरो,
सहसबदन श्रम करात घनेरो ।।1।।
तेरो पार न पाबत माता,
स्थित रक्षा ले हिट सजाता
आधार प्रबाल सद्रसिह अरुणारेय,
अति कमनीय नयन कजरारे ।।2।।
ललित लालट विलेपित केशर
कुमकुम अक्षतशोभामनोहर
कनक बसन कञ्चुकि सजाये,
कटी मेखला दिव्या लहराए ।।3।।
कंठ मदार हार की शोभा,
जाहि देखि सहजहि मन लोभ
बालार्जुन अनंत चाभी धारी ,
आभूषण की शोभा प्यारी ।।4।।
नाना रत्न जड़ित सिंहासन,
टॉपर राजित हरी चारुराणां
इन्द्रादिक परिवार पूजित ,
जग मृग नाग यज्ञा राव कूजित ।।5।।
श्री पार्वती चालीसा गिरकल्सिा,
निवासिनी जय जय,
कोटिकप्रभा विकासिनी जय जय ।।6।।
त्रिभुवन सकल , कुटुंब तिहारी,
अनु -अनु महमतुम्हारी उजियारी
कांत हलाहल को चबिचायी,
नीलकंठ की पदवी पायी ।।7।।
देव मगनके हितुसकिन्हो,
विश्लेआपु तिन्ही अमिडिन्हो
ताकि , तुम पत्नी छविधारिणी,
दुरित विदारिणीमंगलकारिणी ।।8।।
देखि परम सौंदर्य तिहारो,
त्रिभुवन चकित बनावन हारो
भय भीता सो माता गंगा,
लज्जा मई है सलिल तरंगा ।।9।।
सौत सामान शम्भू पहायी,
विष्णुपदाब्जाचोड़ी सो धैयी
टेहिकोलकमल बदनमुझायो,
लखीसत्वाशिवशिष चड्यू ।।10।।
नित्यानंदकरीवरदायिनी,
अभयभक्तकरणित अंपायिनी।
अखिलपाप त्र्यतपनिकन्दनी,
माही श्वरी , हिमालयनन्दिनी।।11।।
काशी पूरी सदा मन भाई सिद्ध
पीठ तेहि आपु बनायीं।
भगवती प्रतिदिन भिक्षा दातृ,
कृपा प्रमोद सनेह विधात्री ।।12।।
रिपुक्षय कारिणी जय जय अम्बे ,
वाचा सिद्ध करी अबलाम्बे
गौरी उमा शंकरी काली,
अन्नपूर्णा जग प्रति पाली ।।13।।
सब जान , की ईश्वरी भगवती,
पति प्राणा परमेश्वरी सटी
तुमने कठिन तपस्या किणी ,
नारद सो जब शिक्षा लीनी।।14।।
अन्ना न नीर न वायु अहारा,
अस्थिमात्रतरण भयुतुमहरा
पत्र दास को खाद्या भाऊ,
उमा नाम तब तुमने पायौ ।।15।।
तन्निलोकी ऋषि साथ लगे
दिग्गवान डिगी न हारे।
तब तब जय , जय ,उच्चारेउ,
सप्तऋषि , निज गेषसिद्धारेउ ।।16।।
सुर विधि विष्णु पास तब आये,
वार देने के वचन सुननए।
मांगे उबा, और, पति, तिनसो,
चाहत्ताज्गा , त्रिभुवन, निधि, जिन्सों ।।17।।
एवमस्तु कही रे दोउ गए,
सफाई मनोरथ तुमने लए
करी विवाह शिव सो हे भामा,
पुनः कहाई है बामा।।18।।
जो पढ़िए जान यह चालीसा,
धन जनसुख दीहये तेहि ईसा।।19।।



Shri Parvati Chalisa के पाठ से होने वाले लाभ 



  1. दोस्तों ऐसे तो माँ पार्वती के चालीसा के पाठ करने से अनेको फायदों होते है परन्तु आज के इस article के जरिये हम आपको इसके पाठ से होने वाले महत्वपूर्ण फायदों के बारे में बताएंगे। 

  2. दोस्तों यह लाभ हम आपको केवल इसीलिए बता रहे है ताकि आप इसका पाठ करने के लिए प्रेरित हो सके। 

  3. दोस्तों माँ पार्वती अपने भक्तों से बहुत प्रेम करती है एवं सदैव उनकी रक्षा करती है। 

  4. माँ आपको हमेशा मार्गदर्शन देती है ताकि आप सही मार्ग की तरफ अपना कदम बढ़ाओ। 

  5. दोस्तों माँ पार्वती कभी भी आपके और आपके परिवार के ऊपर आंच नहीं आने देती। 

  6. कठिन परिस्थितियों में माँ आपको उसका सामना करने के लिए शक्ति प्रदान करती है।


माँ पारवती चालीसा का पाठ क्यों करे 


दोस्तों पार्वती चालीसा के माध्यम से हम माँ पार्वती को प्रसन कर सकते है। दोस्तों मेरे हिसाब से तो सभी को इसका पाठ करना प्रारम्भ कर देना चाहिए। दोस्तों इसके पाठ मन की सभी चिंताएं नष्ट हो जाती है एवं मन शांत हो जाता है।

दोस्तों मैं बहुत से लोगों से सुनता हूँ की उनका मन एकाग्र नहीं हो पाता है अगर आपकी भी यह समस्या है तो आपको भी इसका नित्य पाठ करना प्रारम्भ कर देना चाहिए। दोस्तों आप माँ पार्वती को खुश करने के लिए माँ पार्वती की आरती का भी पाठ अवस्य करे। 

दोस्तों मुझे पूरी आशा है की आप सभी को हमारा यह article जो की Shri Parvati Chalisa  के ऊपर लिखा गया है पसंद आया होगा। अगर आप सभी लोगों को सचमुच हमारा यह article पसंद आया है तो आप हमारी मदद करने के लिए इसे share जरूर करे। 

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