Bhojan Mantra | भोजन मंत्र का महत्व एवं इससे होने वाले 4 अद्भुत लाभ।

दोस्तों आप सभी का हमारे इस blog में स्वागत है। दोस्तों आज के इस article की सहायता से हम आपको Bhojan Mantra के बारे में बारे में बताएंगे। हम आपको इस मंत्र के लिरिक्स के साथ साथ इसके अर्थ के बारे में भी बताएँगे। दोस्तों Bhojan Mantra का उच्चारण करना बहुत ही आवश्यक माना जाता है।

दोस्तों आज के ज़माने में भी ऐसे बहुत से लोग है जिनको दो वक़्त की रोटी भी नसीब नहीं होती है वे भोजन के लिए तरसते है। और हममें से ऐसे बहुत से लोग है जिनके पास पर्याप्त भोजन है वे भोजन की क़द्र नहीं करते। दोस्तों मैं आपसे यह निवेदन करता हूँ की आप इस पुरे article  को पढ़े ताकि आपको इस चमत्कारी मंत्र का महत्व समझ में आ सके। 

Bhojan Mantra Lyrics


ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।


ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्‌विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥


https://www.youtube.com/watch?v=TsnqBsg-WFw

 

भोजन मंत्र का अर्थ 


यह मंत्र प्रकृति के द्वारा हमे मिलने वाले भोजन के आभार को प्रकट करने के लिए होता है। इस मंत्र की सहायता से हम  प्रकृति और ईश्वर से यह प्राथना करते है की भगवान हमारे शरीर की रक्षा करना जिसका अन्न के द्वारा भरण पोषण किया जाता है। हे ईश्वर मेरे और मेरे परिवार को हमेशा इस काबिल बनाए रखना की हम अन्न की प्राप्ति कर सके। इस  मंत्र की सहायता से हम भोजन के प्रति अपने सम्मान को दर्शाते है। 

भोजन मंत्र का महत्व 


दोस्तों भोजन मंत्र की सहायता से  हम हमारे सामने मिलने वाले भोजन के लिए भगवान को शुक्रिया कहते है। दोस्तों हमे मिलने वाले  वस्तु के लिए प्रकृति का धन्यवाद् कहना अति आवश्यक है। प्रकृति हमारी माँ होती है वह यह कभी नहीं चाहती की उसकी संतान भूखी रहे। दोस्तों हमे भी जितना हो सके उतना उन गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए जिनको पेट भर खाना भी नसीब नहीं होता। और दोस्तों हमे भोजन मंत्र के जरिये प्रकृति को धन्यवाद् देना भी अति आवश्यक है।

आज भी ऐसे बहुत से लोग है जो भोजन का महत्व नहीं जानते। वे भोजन से ज्यादा अपने काम को महत्व देते है। आज भी बहुत सारे अपना सुबह का breakfast किये बिना ही अपने काम पर निकल जाते है। परन्तु वे यह नहीं जानते की मनुष्य का सबसे बड़ा धन उसका स्वास्थ्य ही होता है। एक स्वास्थ्य इंसान ही सुखों का भोग कर सकता है।

एक अस्वस्थ्य इंसान के पास चाहे जितना भी धन क्यों न हो वह कभी खुश नहीं रह सकता। वह हमेशा अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेगा। पैसा कमाना कोई ख़राब बात नहीं है परन्तु पैसो के लिए कभी अपने स्वस्थ्य के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। 

भोजन मंत्र करने की विधि 


दोस्तों इस मंत्र का पाठ करने की विधि बहुत सरल है। हम इस मंत्र का पाठ भोजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए करते है। खाना ग्रहण करने के पूर्व हमे हाथ में कुछ जल लेकर उसकी बूंदे थाली के चारो ओर गिराते गिराते हमे इस मंत्र का पाठ करना चाहिए। हमे खाना जमीन पर बैठ कर ही खाना चाहिए और हमारे खाने के आस पास का स्थान स्वच्छ होना चाहिए। हमे मिले हुए भोजन का अपमान नहीं करना चाहिए क्युकी बहुत नसीब से किसी को दो वक़्त का रोटी मिलता है। 

भोजन मंत्र का पाठ क्यों करना चाहिए


दोस्तों हमे भोजन को महत्व को दर्शाने के लिए भोजन मंत्र का पाठ करना चाहिए। हम बहुत भाग्यशाली है जो हमे भोजन नसीब हो रहा है। हमे ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए की उन्होंने ने हमे भोजन प्रदान किया। आप भोजन की कीमत उनसे पूछे जिन्हे किसी किसी दिन भूखे पेट से काम चलाना पड़ता है। उन्हें ये तक नहीं पता होता की आज उन्हें खाना मिलेगा भी या फिर नहीं। हमारे देश आज भी ऐसे बहुत लोग है जिन्हे दो वक़्त की रोटी नसीब नहीं होती। हम भोजन मंत्र के द्वारा प्रकृति को शुक्रिया बोलते है एवं निवेदन करते है की भविष्य में भी हमे ऐसे ही भोजन की प्राप्ति हो। 

Bhojan Mantra के लाभ 



  • भोजन की प्राप्ति के लिए प्रकृति को धन्यवाद् कहने का सबसे बढ़िया रास्ता। 

  • भगवन हमेशा यह सुनिश्चित करते है आपको भोजन मिले। 

  • इसके माध्यम से आप भगवान से यह प्राथना करते है की आपको भविष्य में भी हमेशा भोजन प्राप्त हो सके। 

  • आपको आपके सामने मिलने वाले भोजन की कीमत पता चलती है। 

  • आप कभी भी भोजन का अपमान नहीं करते है। 


दोस्तों मुझे  पुरी उम्मीद है की आप सभी को हमारा यह article जो की Bhojan Mantra के ऊपर लिखा गया है पसंद आया होगा। अगर आपको वाकई हमारा यह post पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवस्य share करे।

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