shiv aarti lyrics in Hindi (Jai shiv Onkara)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
https://www.youtube.com/watch?v=BhwOproElxU
श्री महादेव जी की आरती
हर हर हर महादेव !
सत्य, सनातन, सुन्दर शिव! सबके स्वामी।
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी।। हर-हर...
आदि, अनंत, अनामय, अकल कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी।। हर-हर...
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी।
कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी।। हर-हर...
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औघरदानी।
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता, अभिमानी।। हर-हर...
मणिमय भवन निवासी, अतिभोगी, रागी।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी।। हर-हर...
छाल कपाल, गरल गल, मुण्डमाल, व्याली।
चिताभस्म तन, त्रिनयन, अयन महाकाली।। हर-हर...
प्रेत पिशाच सुसेवित, पीत जटाधारी।
विवसन विकट रूपधर रुद्र प्रलयकारी।। हर-हर...
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मनहारी।। हर-हर...
निर्गुण, सगुण, निरंजन, जगमय, नित्य प्रभो।
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो।। हर-हर...
सत्, चित्, आनंद, रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम सुधा निधि, प्रियतम, अखिल विश्व त्राता। हर-हर...
हम अतिदीन, दयामय! चरण शरण दीजै।
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै। हर-हर...
https://www.youtube.com/watch?v=YFG8MvuTD6c
महाशिवरात्रि आरती
आ गई महाशिवरात्रि पधारो शंकर जी |
हो पधारो शंकर जी ||
आरती उतारें पार उतारो शंकर जी |
हो उतारो शंकर जी ||
तुम नयन नयन में हो मन मन में धाम तेरा
हे नीलकंठ है कंठ कंठ में नाम तेरा
हो देवो के देव जगत के प्यारे शंकर जी
तुम राज महल में तुम्ही भिखारी के घर में
धरती पर तेरा चरन मुकुट है अम्बर में
संसार तुम्हारा एक हमारे शंकर जी
तुम दुनिया बसाकर भस्म रमाने वाले हो
पापी के भी रखवाले भोले भाले हो
दुनिया में भी दो दिन तो गुजरो शंकर जी
क्या भेंट चढ़ाये तन मैला घर सूना है
ले लो आंसू के गंगा जल का नमूना है
आ करके नयन में चरण पखारो शंकर जी |
https://www.youtube.com/watch?v=aA5Tt0WUPTQ
Shiv aarti के पाठ से होने वाले लाभ
- भगवान शिव हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते है।
- हर संकट से बाहर निकालते है।
- कोई भी कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाता है।
- भगवान शिव को खुश करने के लिए भगवान शिव की आरती एवं चालीसा का पाठ करना अत्यंत आवश्यक है।
- भगवान हमेशा हमे सही मार्ग दर्शाते है।
- भगवान शिव को भोले नाथ भी कहा जाता है।
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