दोस्तों जो लोग संगीत के छेत्र में है वे भी माँ सरस्वती की वंदना का पाठ प्रतिदिन करते है। ताकि उनके सुर बरकरार रहे। दोस्तों उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के बारे में तो सुना ही होगा की वे ईश्वर से प्राथना करते थे की " हे ईश्वर चाहे तू मुझसे सबकुछ छीन ले परन्तु मुझसे सुर न लेना "।
दोस्तों यह वंदना संस्कृत में लिखी गयी है और मैं जानता हूँ की आप में से बहुत से लोगों को संस्कृत भाषा में कठिनाई होगी इसलिए हमने आपको इस वंदना के lyrics के साथ साथ आपको अर्थ भी बताया है जिससे आपको इसे पढ़ने और समझने में कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।
दोस्तों मैं आप सभी से कहना चाहता हु की अगर आप माँ शारदे को खुश करना चाहते है तो आपको आरती और चालीसा के साथ साथ saraswati vandana का पाठ करना भी अत्यंत आवश्यक है। दोस्तों मैं आपसे निवेदन करता हु की आप इस article को पूरा पढ़े तभी आप अच्छे से समझ पाएंगे। दूसरों माँ सरस्वती को खुश करने के लिए आप सरस्वती आरती एवं सरस्वती चालीसा का पाठ भी अवस्य करे।
Saraswari Vandana Lyrics
शक्ति दे हमको हे शारदा माँ,
मन में दे विश्वास हे ज्योति माँ,
रस्ते पे चले हम धर्म के,
करे न कोई भूल हे जग माँ
..........
मिटा लोभ लालच की अग्नि हे माँ,
फुले फले सबका जीवन यहाँ,
तेरी करुना की है ये पवन दुआ .......
मिटे जुल्म की हर दस्ता हे माँ,
बने न पाप की नगरी यहा ,
तेरी ममता की गोद में रहे ये जहाँ
॥
"ॐ शांति "
श्री सरस्वती माता की वंदना-2
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे।
अम्ब विमल मति दे॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
वह बल विक्रम दे।
वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे।
अम्ब विमल मति दे॥
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे।
स्वाभिमान भर दे||1||
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे।
अम्ब विमल मति दे॥
लव, कुश, ध्रुव,
प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां,
फिर घर-घर भर दे।
फिर घर-घर भर दे॥2॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे।
अम्ब विमल मति दे॥
श्री सरस्वती माता की वंदना -3
मुझको नवल उत्थान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो।।
मां शारदे! हंसासिनी!
वागीश! वीणावादिनी!
मुझको अगम स्वर-ज्ञान दो।।
माँ सरस्वती! वरदान दो।।
निष्काम हो मन कामना,
मेरी सफल हो साधना,
नव गति, नई लय तान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो।।
हो सत्य जीवन-सारथी,
तेरी करूँ नित आरती,
समृद्धि, सुख, सम्मान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो।।
मन, बुद्धि, हृदय पवित्र हो,
मेरा महान चरित्र हो,
विद्या, विनय, बल दान दो।
माँ सरस्वती! वरदान दो।।
सौ वर्ष तक जीते रहें,
सरस्वती वंदना के प्रतिदिन पाठ से होने वाले लाभ
- दोस्तों माँ सरस्वती ज्ञान की देवी है अगर आप इस वंदना का पाठ प्रतिदिन करते है तो आप पर माँ सरस्वती की कृपा बनी रहेगी।
- एकाग्रता बढ़ाने के लिए बहुत जरुरी है।
- अगर आप अपने पढाई में मन नहीं लगा पाते है तो आपको इस वंदना का पाठ करना शुरू कर देना चाहिए।
- दोस्तों माँ सरस्वती को खुश करने के लिए आप इस वंदना का पाठ कर सकते है।
- इसके पाठ आपका हर कार्य सफलता से पूर्ण हो जाता है।
सरस्वती वंदना के पाठ का महत्व
दोस्तों आज कल के ज़माने में जहा बच्चों को पढाई एक बोझ की तरह लगने लगी है वहा सरस्वती वंदना बहुत महत्वपूर्ण होता है। दोस्तों इसके पाठ आपके मन को शांति तो मिलती ही है साथ ही में आपका दिमाग भी एकाग्र हो जाता है। जिससे आप पढाई में ध्यान लगा पाते है।
इस वंदना का पाठ केवल विद्यार्थियों को ही नहीं बल्कि सभी को करना चाहिए। माँ सरस्वती के आराधना के लिए इसका पाठ आवश्यक है।
दोस्तों अगर आप चाहे तो आप वसंत पंचमी त्यौहार के बारे में भी पढ़ सकते है।
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1 σχόλια:
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